रिपोर्ट - मुरादाबाद/उत्तर प्रदेश (रवि गांधी शर्मा)
परीक्षा में फेल होने का भय छात्रों को नहीं गुरुजनों को भी सता रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग को जिला मुरादाबाद में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए 245 शिक्षकों की आवश्यकता है। बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षा का पुराना ढर्रा बदलना चाहता है। स्कूलों में लगातार बच्चों की संख्या में आ रही कमी बेसिक शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी सिरदर्द बन चुकी है। प्राइवेट विद्यालय में बच्चों का टेस्ट लेकर प्रवेश दिया जाता है जबकि उसके उल्टा बेसिक शिक्षा से जुड़े अध्यापक बच्चों के प्रवेश के लिए घर घर जाने को मजबूर हो चुके हैं। स्कूलों में छात्रों की कमी को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग अब अंग्रेजी की पढ़ाई पर जोर दे रहा है। मुरादाबाद में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए 245 शिक्षकों की आवश्यकता है। स्कूलों को अंग्रेजी विषय की शिक्षा देने के लिए तैयार किया जा रहा है। जनपद में चार स्कूल पहले से अंग्रेजी की शिक्षा दे रहे हैं, परंतु अब ऐसे स्कूलों की संख्या 49 कर दी गई है। इसी के लिए विभाग को अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों की आवश्यकता है।
इसी के चलते 16 मार्च को विभाग ने अंग्रेजी के एक्सपर्ट टीचरों के लिए एक परीक्षा आयोजित की थी। जिसमें 182 अध्यापकों द्वारा आवेदन किया गया था परंतु 55 अध्यापकों ने फेल होने के डर से परीक्षा छोड़ दी।
परीक्षा में फेल होने का भय छात्रों को नहीं गुरुजनों को भी सता रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग को जिला मुरादाबाद में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए 245 शिक्षकों की आवश्यकता है। बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षा का पुराना ढर्रा बदलना चाहता है। स्कूलों में लगातार बच्चों की संख्या में आ रही कमी बेसिक शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी सिरदर्द बन चुकी है। प्राइवेट विद्यालय में बच्चों का टेस्ट लेकर प्रवेश दिया जाता है जबकि उसके उल्टा बेसिक शिक्षा से जुड़े अध्यापक बच्चों के प्रवेश के लिए घर घर जाने को मजबूर हो चुके हैं। स्कूलों में छात्रों की कमी को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग अब अंग्रेजी की पढ़ाई पर जोर दे रहा है। मुरादाबाद में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए 245 शिक्षकों की आवश्यकता है। स्कूलों को अंग्रेजी विषय की शिक्षा देने के लिए तैयार किया जा रहा है। जनपद में चार स्कूल पहले से अंग्रेजी की शिक्षा दे रहे हैं, परंतु अब ऐसे स्कूलों की संख्या 49 कर दी गई है। इसी के लिए विभाग को अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों की आवश्यकता है।
इसी के चलते 16 मार्च को विभाग ने अंग्रेजी के एक्सपर्ट टीचरों के लिए एक परीक्षा आयोजित की थी। जिसमें 182 अध्यापकों द्वारा आवेदन किया गया था परंतु 55 अध्यापकों ने फेल होने के डर से परीक्षा छोड़ दी।