बदायूँ/उत्तर प्रदेश - वेंटिलेटर के अभाव से जूझ रहे महिला चिकित्सालय मे हुई 3 नवजात बच्चो की मौत ने खोली बेहतर चिकित्सा सुविधाओ की पोल, अधिकारी मौन - News India 17 # खबर देश की - नजर दुनिया की #

Breaking


शनिवार, जून 07, 2025

बदायूँ/उत्तर प्रदेश - वेंटिलेटर के अभाव से जूझ रहे महिला चिकित्सालय मे हुई 3 नवजात बच्चो की मौत ने खोली बेहतर चिकित्सा सुविधाओ की पोल, अधिकारी मौन

www.newsindia17.com
आज शनिवार को बदायूँ स्थित महिला अस्पताल मे हुई 3 नवजात बच्चो की मौत ने सरकार द्वारा बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावो की पोल खोलकर रख दी है। बताया गया कि अस्पताल ने बेहतर सुविधाएं ने होने के चलते प्रतिदिन 8 से 10 बच्चो को अलीगढ़ व सैफई के लिए रेफर किया जाता है। इस सबके बाद भी न तो शासन इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही नौकरशाह कोई सकारात्मक प्रयास कर रहे है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्मपाल निवासी मोहल्ला परा, दातागंज ने गत 5 जून को अपनी पत्नी प्रेमलता को प्रसव हेतु महिला अस्पताल मे भर्ती कराया था। प्रेमलता ने देर शाम एक बच्चे को जन्म दिया था जिसका वजन मात्र 780 ग्राम था। इस बच्चे को अस्पताल में स्थित एसएनसीयू (विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई) मे भर्ती करा दिया गया था। 6 जून को चिकित्सक ने धर्मपाल से बताया कि बच्चे के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता है जो यहाँ उपलब्ध नही है। चिकिसक ने धर्मपाल से कहा कि वह बच्चे को रेफर करा ले लेकिन वह इसके लिए तैयार नही हुए। आज शनिवार की सुबह धर्मपाल के नवजात बच्चे की मौत होने पर सुरक्षाकर्मियों ने शव परिजनों को सौंप दिया। इसी प्रकार गत 4 जून को अस्पताल मे भर्ती हुई कस्बा समरेर की निवासी रेनू पत्नी विपिन ने दो जुड़वाँ बच्चो की जन्म दिया था। इस दोनों बच्चो को भी वजन कम होने के कारण अगले दिन 5 जून को एसएनसीयू वार्ड के भर्ती कराया गया था। आज शनिवार की सुबह इन दोनो बच्चो की भी वेंटिलेटर की सुविधा न मिले पाने के कारण मौत हो गयी। नवजात बच्चो की मौत पर भड़के परिजनो ने मौके पर हंगामा करते हुए उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने परिजनो को शांत किया और नवजात बच्चो के शव देकर घर भेज दिया।

पाठको को बताना उचित होगा कि महिला अस्पताल मे 12 वार्मर की सुविधा है जबकि यहाँ 17 से 18 नवजात हर समय भर्ती रहते है। ऐसे मे कोई भी गम्भीर स्थिति होने पर नवजात को कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारी अवैध रूप से वसूली कर जल्दी वार्मर भी उपलब्ध करा देते है। आज शनिवार को भी यहाँ 14 नवजात भर्ती थे। एक महिला जो यहाँ अपने नवजात को भर्ती कराने आयी थी वार्मर उपलब्ध न होने पर मायूस होकर वापस चली गयी।

महिला अस्पताल की सीएमएस डा0 इंदुकान्त वर्मा ने बताया कि एसएनसीयू मे जिन नवजात बच्चो की मौत हुई है उनका वजन काफी कम था। इन बच्चो को बचाने का काफी प्रयास किया गया मगर सफलता नही मिल सकी। अस्पताल मे वेंटिलेटर की सुविधा नही है। चिकित्सको द्वारा रेफर किये जाने का सुझाव देने पर परिजन नहीं मानते है। उन्होंने कहा कि इस बारे मे कई बार शासन से पत्राचार कर स्थिति से अवगत कराया गया है मगर वेन्टीलेटर नही उपलब्ध कराये गए है।

जिलाधिकारी बदायूँ अवनीश कुमार राय ने बताया कि एसएनसीयू मे 3 बच्चो की मौत होने की सूचना मिली थी। इस बारे मे जानकारी करने पर अधिकारियो ने बताया कि सभी बच्चे समय से पूर्व पैदा हुए थे। इन बच्चो को बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया था मगर उनके परिजन नही लेकर गए। उन्होने कहा कि वेंटिलेटर की कमी के बारे मे कोई जानकारी नहीं है। इसकी जाँच कराई जाएगी। 
counter
अभी तक पाठक संख्या