सम्भल की शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद मे अब एक नया मोड़ आ गया है। चंदौसी की सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट मे दायर की गयी एक याचिका मे मस्जिद परिसर मे नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की गयी है। इसके साथ ही इस परिसर को सील कर जिलाधिकारी की निगरानी मे रखने की भी मांग की गयी है। अदालत ने इस मामले मे सुनवाई के लिए 21 जुलाई 2025 का समय दिया है।
पाठको को बताना उचित होगा कि 19 नवम्बर 2023 को 8 हिन्दू याचिकर्ताओं ने शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा किया था। कोर्ट ने उसी दिन सर्वे करने का आदेश जारी किया था और पहला सर्वे भी उसी दिन हुआ था। इसके बाद 24 नवंबर को होने वाले सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में 4 लोगो की मौत हुई थी और 29 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। इस हिंसा के बाद पुलिस द्वारा समाजवादी पार्टी के साँसद जियाउर्ररहमान बर्क, मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली समेत 2750 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में अभी तक 96 लोगो को जेल भेजा जा चुका है।
ये मामला उच्च न्यायालय तक भी गया था पर वहां से भी निचली अदालत मे ही सुनवाई करने को कहा गया। अब याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता द्वारा दर्ज की गयी याचिका मे इस स्थान पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की गयी है। याचिका मे इस स्थान को मंदिर का हिस्सा बताते हुए इसके पुरातात्विक प्रमाण होने के बारे मे भी कहा गया है।
अब आगामी 21 जुलाई को होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत इस याचिका पर गंभीरता से विचार करेगी और संभवतः नमाज पर रोक, सीलिंग या कोई अन्य अंतरिम आदेश पर राय दे सकती है।
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