बरेली/उत्तर प्रदेश - भाजपा ने वीडियो जारी कर दिलाई सामान नागरिक संहिता की याद, मौलाना शहाबुद्दीन ने बताया शरीयत मे दखल

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भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किये गए एक वीडियो ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के बारे मे बात करने पर एक बार फिर से खलबली मच गयी है। इस वीडियो के जारी होने के बाद से मुस्लिम जगत से प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी है। ऑल इण्डिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस कानून को शरीयत में दखल देने का प्रयास व कई धर्मो के अनुयायियों की आस्था को ठेस पहुँचाने वाला बताया है।

पाठको को बताना उचित होगा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा ने अपनी उपलब्धियाँ गिनाते हुए एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो ने गत एक वर्ष की उपलब्धियाँ बताने के साथ ही अगला कदम यूनिफार्म सिविल कोड की ओर बढ़ाने के बारे मे कहा गया है। इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि यूसीसी शरीयत मे दखल है और इस कानून के लागू होने पर तमाम धर्म के मानने वालो को जबरदस्त ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि देश को चलाने के लिए संविधान है और भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहाँ सभी धर्मो को मानने वाले निवास करते है और उन सभी पर एक जैसा कानून लागू नही किया जा सकता है। मौलाना ने कहा कि यूसीसी मे शरीयत व अन्य धर्मो के नियमो का भी ध्यान रखा जाए ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।

उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व उत्तराखंड सरकार ने अपने प्रदेश मे यूसीसी लागू किया है परन्तु इसमें आम मुसलमान से कोई रजामंदी नही ली गयी है। मौलाना ने कहा कि संविधान के जिस आर्टिकल का हवाला देते हुए इसे लागू किया गया है उसके साफ लिखा है कि राज्य सभी धर्मो के लोगो की सहमति के आधार पर ही ऐसा कर सकता है, मगर उत्तराखंड सरकार ने इसकी अनदेखी करते हुए अपने मन की की है।
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