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सोमवार, दिसंबर 15, 2025

बरेली/उत्तर प्रदेश - बीएलओ की ड्यूटी कर रहे शिक्षक की मौत पर उठे सवाल, परिजन बोले एसआईआर के काम का था दबाब, प्रशासन ने बताया सामान्य मौत

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मृतक शिक्षक विनोद कुमार शर्मा की फाइल फोटो व ड्यूटी कटवाने को दिया गया प्रार्थना पत्र 

जिला बरेली के बिशारतगंज कस्बा स्थित कंपोजिट विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार शर्मा आयु 60 वर्ष की कल रविवार देर रात मौत हो गयी। परिजनों ने उनकी मौत का कारण एसआईआर  के अत्यधिक काम का दबाव बताया है, जबकि जिला प्रशासन ने इसे प्राकृतिक मौत करार दिया है।


विनोद कुमार शर्मा बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 261 के बूथ लेवल ऑफिसर थे। उनके पुत्र और विश्व हिंदू परिषद के मझगवां ब्लॉक प्रखंड अध्यक्ष शिवांश शर्मा ने बताया कि उनके पिता वर्ष 2027 में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन एसआईआर के ऑनलाइन काम के दबाव के चलते वह बेहद परेशान चल रहे थे। शिवांश के अनुसार, रविवार रात खाना खाने के बाद उनके पिता सोने चले गए थे। देर रात करीब 12 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और कुछ ही देर में उनकी सांसें थम गईं। परिजनों ने आशंका जताई है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। शिवांश शर्मा ने दावा किया कि उनके पिता ने अपनी बढ़ती उम्र और आंखों की गंभीर समस्या का हवाला देते हुए एसआईआर ड्यूटी कटवाने के लिए 9 नवंबर को खंड शिक्षा अधिकारी मझगवां सुनील कुमार शर्मा को एक प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने यह भी बताया था कि उन्हें मोबाइल फोन पर ऑनलाइन काम करना नहीं आता है।

इसके बाद भी विनोद कुमार शर्मा की ड्यूटी नहीं हटाई गई। शिवांश का आरोप है कि ड्यूटी कटवाने पर उल्टे एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी गई। इसके चलते विनोद शर्मा बहुत परेशान थे। वह रविवार तक एसआईआर का काम कर रहे थे। पोस्टमॉर्टम न कराए जाने के सवाल पर शिवांश ने कहा कि उन्हें इस संबंध में किसी ने मार्गदर्शन नहीं दिया, और उन्हें समझ नहीं आया कि क्या करना चाहिए। सोमवार दोपहर बाद रामगंगा किनारे विनोद कुमार शर्मा की अंत्येष्टि की गई। इस दौरान स्थानीय विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा, बीईओ सुनील कुमार शर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी और कस्बे के लोग मौजूद रहे।


इस मामले पर जिला प्रशासन ने अपना पक्ष रखा है। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) संतोष कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षक ने 8 दिसंबर को ही एसआईआर का काम पूरा कर लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिजनों ने शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया है, और शिक्षक की मौत काम के दबाव से नहीं, बल्कि प्राकृतिक रूप से हुई है।

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