अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में कुल 45 किलोग्राम शुद्ध सोने का किया गया इस्तेमाल, अनुमानित मूल्य लगभग ₹50 करोड़... - News India 17 # खबर देश की - नजर दुनिया की #

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शनिवार, जून 07, 2025

अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में कुल 45 किलोग्राम शुद्ध सोने का किया गया इस्तेमाल, अनुमानित मूल्य लगभग ₹50 करोड़...

इंटरनेट डेस्क। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में कुल 45 किलोग्राम शुद्ध सोने का इस्तेमाल किया गया है। मिश्रा ने मंदिर परिसर की पहली मंजिल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि करों को छोड़कर सोने का अनुमानित मूल्य लगभग ₹50 करोड़ है। मंदिर के भूतल पर बने दरवाजों और भगवान राम के सिंहासन में बड़े पैमाने पर सोने का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि शेषावतार मंदिर में सोने का काम अभी भी जारी है। राम मंदिर का मुख्य ढांचा तो पूरा हो चुका है, लेकिन संग्रहालय, सभागार और अतिथि गृह सहित मंदिर परिसर के अन्य हिस्से अभी भी निर्माणाधीन हैं। इनके दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

7 मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ संपन्न

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मिश्रा ने कहा कि पवित्र स्थान तक नियंत्रित सार्वजनिक पहुंच की व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को राम दरबार में जाने की अनुमति होगी और प्रवेश पास के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा, जो निशुल्क जारी किए जाएंगे। बता दें कि प्रतिष्ठा समारोह में मंदिर के गर्भगृह में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि गुरुवार को मंदिर में सात मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ। उन्होंने बताया कि गर्भगृह के ऊपर पहली मंजिल पर स्थापित मूर्तियों में बीच में राम दरबार, उत्तर पूर्वी कोने में शिवलिंग, दक्षिण-पूर्वी कोने में गणपति की मूर्ति, दक्षिण दिशा के बीच में हनुमान की मूर्ति, दक्षिण पश्चिमी कोने में सूर्य, उत्तर पश्चिमी कोने में भगवती और उत्तरी दिशा के बीच में अन्नपूर्णा माता की मूर्ति है।


दर्शन के लिए धैर्य रखने की सलाह...

चंपत राय ने शुक्रवार को एक बयान में मंदिर के दर्शनार्थियों को राम दरबार के दर्शन के लिए धैर्य रखने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि चूंकि राम दरबार 20 फीट ऊंचा है और श्रद्धालुओं को करीब 40 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, इसलिए ऊपर जाने के लिए सीमित व्यवस्थाएं हैं और लिफ्ट के निर्माण में समय लगेगा। राय ने कहा कि बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए लिफ्ट का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे पूरा होने में समय लगेगा। प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण श्रद्धालुओं को राम दरबार में दर्शन के लिए इंतजार करना होगा और बरसात के मौसम के बाद सार्वजनिक दर्शन संभव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम कार्य मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराना होगा, जो संभवतः अक्टूबर या नवंबर में मौसम अनुकूल होने पर होगा। उन्होंने कहा कि तब तक छोटे-मोटे काम पूरे कर लिए जाएंगे। हालांकि, भीषण गर्मी और धूप से बचने के सीमित इंतजामों के कारण कई श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नवनिर्मित राम दरबार में अभी आम जनता के लिए प्रवेश नहीं

राम मंदिर ट्रस्ट के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि नवनिर्मित राम दरबार अभी आम जनता के लिए नहीं खुला है। मिश्रा ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा आगामी बैठक में जनता के लिए एक योजना को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। गुरुवार को राम मंदिर में दूसरा बड़ा समारोह आयोजित किया गया। इससे पहले पिछले साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश भर के कई गणमान्य लोगों की मौजूदगी में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।

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