इंटरनेट डेस्क। कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो अमेरिका में भारतीय राजनयिक आउटरीच कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं, ने भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की मध्यस्थता के विचार को खारिज कर दिया। थरूर ने कहा कि असमान लोगों के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में एक बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए थरूर ने कहा कि बातचीत नहीं हो सकती, खासकर तब जब एक पक्ष में आतंकवादी हों और दूसरे में उनके पीड़ित हों। मध्यस्थता एक ऐसा शब्द नहीं है जिसे हम विशेष रूप से स्वीकार करने के लिए तैयार हों। मैं आपको बताता हूं कि क्यों नहीं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार थरूर ने कहा, "तथ्य यह है कि इसका मतलब यह है कि जब आप दलाल या कुछ और कहते हैं, तब भी आप एक ऐसी समानता की बात कर रहे होते हैं जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है।" उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और उनके पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है।
भारत-पाक के बीच कोई समानता नहीं
थरूर ने कहा कि आतंकवाद को सुरक्षित पनाह देने वाले देश और एक ऐसे देश के बीच कोई समानता नहीं है जो एक समृद्ध बहुदलीय लोकतंत्र है जो अपने काम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार इस दावे के बीच आई है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को समाधान करने में मदद की है। 10 मई को जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में "लंबी रात की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने एक दर्जन से अधिक बार अपने इस दावे को दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को समाधान करने में मदद की है।
ट्रंप ने किया था यह भी दावा
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने परमाणु-सशस्त्र दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा कि अमेरिका बहुत कुछ करेगा अगर वे संघर्ष रोक देते हैं तो हम उनके साथ व्यापार कर सकते हैं। हालांकि, भारत सरकार ने दोनों पक्षों की ओर से सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के ट्रम्प के दावे को पहले ही खारिज कर दिया है।
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