रिपोर्ट - नहटौर/बिजनौर से सह सम्पादक न्यूज इन्डिया 17, रवि गॉधी शर्मा।

नहटौर नगर मे जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बाल कृष्ण की लीलाओ को दर्शाती हूई विभिन्न झॉकिया मन्दिर परिसरो व मन्दिरो के आसपास सजायी गयी। ये झॉकियॉ काफी मनमोहक थी और भक्तो को देवी देवताओ के रूप मे विराजमान कलाकारो ने खूब रिझाया। इस अवसर पर नगर के सैनियो वाला मौहल्ला स्थित सैनी मन्दिर पर व्यापक तैयारियॉ की गयी थी परन्तु शाम के समय हुई बरसात के कारण कार्यक्रम मे व्यवधान उत्पन्न हो गया।
बरसात के चलते जहॉ झॉकियो आदि के कार्यक्रमो मे बाधाये उत्पन्न हो रही थी वही आयोजक अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये पुरजोर कोशिश करते देखे गये। सैनी मन्दिर पर जो कार्यक्रम मन्दिर परिसर के बाहर आयोजित किये जाने थे वे सभी कार्यक्रम मन्दिर परिसर मे ही आयोजित किये गये। कृष्ण का धरती पर आगमन एक युग परिवर्तन का सूचक रहा है। महाभारत काल मे जब कृष्ण ने जन्म लिया था तब और आज की भौगोलिक व धार्मिक मान्यताओ मे विभिन्न परिवर्तन इस बात के साक्षी है कि कृष्ण जन्म एक युग परिवर्तन का प्रतीक है और बुराई पर सच्चाई के लिये हमेशा याद किया जाता रहेगा।
मन्दिर मे आयोजित कार्यक्रमो मे क्षेत्रीय विभिन्न बच्चो ने भाग लिया। सैनी मन्दिर मे बच्चो ने श्री कृष्ण की रासलीला की प्रस्तुति भी दी। रास लीला की इस संगीतमय प्रस्तुति को देखने को भक्तो की भीड़ देर तक अपने स्थानो पर जमी रही। इस अवसर पर प्राचीन चामुन्डा मन्दिर परिसर मे बड़े परदे पर कृष्ण लीला का प्रदर्शन किया गया। छोटे चामुन्डा मन्दिर पर भी विभिन्न मनमोहक झॉकिया प्रस्तुत की गयी। देर रात तक यह सभी कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे।
सैनी मन्दिर के कार्यक्रम मे विशेष योगदान रतन सैनी, मिन्टू चन्द्रा, बबलू शर्मा, छोटी त्यागी, सभासद बिटटू, पवन अग्रवाल आदि का रहा।
नहटौर नगर मे जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बाल कृष्ण की लीलाओ को दर्शाती हूई विभिन्न झॉकिया मन्दिर परिसरो व मन्दिरो के आसपास सजायी गयी। ये झॉकियॉ काफी मनमोहक थी और भक्तो को देवी देवताओ के रूप मे विराजमान कलाकारो ने खूब रिझाया। इस अवसर पर नगर के सैनियो वाला मौहल्ला स्थित सैनी मन्दिर पर व्यापक तैयारियॉ की गयी थी परन्तु शाम के समय हुई बरसात के कारण कार्यक्रम मे व्यवधान उत्पन्न हो गया।
बरसात के चलते जहॉ झॉकियो आदि के कार्यक्रमो मे बाधाये उत्पन्न हो रही थी वही आयोजक अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये पुरजोर कोशिश करते देखे गये। सैनी मन्दिर पर जो कार्यक्रम मन्दिर परिसर के बाहर आयोजित किये जाने थे वे सभी कार्यक्रम मन्दिर परिसर मे ही आयोजित किये गये। कृष्ण का धरती पर आगमन एक युग परिवर्तन का सूचक रहा है। महाभारत काल मे जब कृष्ण ने जन्म लिया था तब और आज की भौगोलिक व धार्मिक मान्यताओ मे विभिन्न परिवर्तन इस बात के साक्षी है कि कृष्ण जन्म एक युग परिवर्तन का प्रतीक है और बुराई पर सच्चाई के लिये हमेशा याद किया जाता रहेगा।
मन्दिर मे आयोजित कार्यक्रमो मे क्षेत्रीय विभिन्न बच्चो ने भाग लिया। सैनी मन्दिर मे बच्चो ने श्री कृष्ण की रासलीला की प्रस्तुति भी दी। रास लीला की इस संगीतमय प्रस्तुति को देखने को भक्तो की भीड़ देर तक अपने स्थानो पर जमी रही। इस अवसर पर प्राचीन चामुन्डा मन्दिर परिसर मे बड़े परदे पर कृष्ण लीला का प्रदर्शन किया गया। छोटे चामुन्डा मन्दिर पर भी विभिन्न मनमोहक झॉकिया प्रस्तुत की गयी। देर रात तक यह सभी कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे।
सैनी मन्दिर के कार्यक्रम मे विशेष योगदान रतन सैनी, मिन्टू चन्द्रा, बबलू शर्मा, छोटी त्यागी, सभासद बिटटू, पवन अग्रवाल आदि का रहा।