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सोमवार, अगस्त 04, 2025

बदायूँ/उत्तर प्रदेश - पुलिस ने किया भाजपा मंडल उपाध्यक्ष की हत्या का खुलासा, हत्यारोपी सगे साले को गिरफ्तार कर भेजा जेल

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गत 29 जुलाई की रात जिला बदायूँ के बिनावर थाना क्षेत्र मे हुई भाजपा मंडल उपाध्यक्ष की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मंडल उपाध्यक्ष के हत्यारोपी को गिरफ्तार कर सुसंगत धाराओ मे चालान कर जेल भेज दिया है। आज सोमवार को आयोजित की गयी प्रेस वार्ता में दौरान एसएसपी डा0 बृजेश सिंह ने मीडिया को मामले की जानकारी दी।


एसएसपी डा0 बृजेश सिंह ने बताया कि थाना क्षेत्र के गाँव विजय नगला निवासी सुरेश चंद्र गुप्ता भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष थे और गत 29 जुलाई की रात पानी की टंकी के गेट पर उनकी हत्या कर दी गयी थी। घटना के अगले दिन सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँची थी और शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजने के साथ ही मामले की जाँच शुरू कर दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार किसी भारी चीज से सिर पर वार कर घटना को अंजाम दिया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे बताया गया था कि हत्या मे प्रयुक्त हथियार मे धार भी थी। इस घटना की जाँच एसपी सिटी व सीओ सिटी द्वारा की जा रही थी। जाँच के दौरान प्रकाश मे आ रहे सभी तथ्यो की पुलिस गहनता से जांच कर रही थी। इस मामले मे कई संदिग्धो से भी पूछताछ की गयी थी। इस सबके बाद भी पुलिस कातिल तक नही पहुँच सकी थी।


पुलिस द्वारा की जा रही  जाँच के दौरान पता लगा कि भाजपा मंडल उपाध्यक्ष के पिता विशुन लाल गुप्ता ने अपने परिवार के अजय गुप्ता के नाम करीब एक बीघा आठ बिस्वा जमीन की थी। जांच के दौरान पता लगा कि मंडल उपाध्यक्ष इसके खिलाफ थे और बैनामा निरस्त कराने हेतु कोर्ट मे मुकदमा भी दर्ज कराया था। जांच के दौरान ही पता लगा कि मूल रूप से शाहजहांपुर का निवासी धर्मेंद्र गुप्ता जो मंडल उपाध्यक्ष का साला है अपने परिवार के साथ विजय नगला मे ही रह रहा है। धर्मेंद्र गुप्ता ने ही विशुन लाल गुप्ता को समझाकर जमीन का बैनामा अजय गुप्ता के नाम कराया था। इस सौदे के बदले उसने अजय गुप्ता से 1 लाख 20 हजार रूपये की दलाली भी तय की थी। मंडल उपाध्यक्ष द्वारा इस बैनामे को निरस्त कराने हेतु मुकदमा दर्ज कराये जाने के बाद अजय गुप्ता ने ये रकम उसे देने से इंकार कर दिया था। इसके चलते धर्मेंद्र गुप्ता अपने बहनोई भाजपा मंडल उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र गुप्ता से नाराज था और गत 29 जुलाई की रात जब सुरेश चंद्र गुप्ता पानी की टंकी की ओर जा रहे थे लकड़ी की फंटी से सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी थी।


एसएसपी ने बताया कि हत्यारोपी धर्मेंद्र जांच के दौरान पुलिस को भी गुमराह करता रहा। सुरेश चंद्र गुप्ता का सगा साला होने के चलते पुलिस भी उसके कहे पर विश्वास करती रही। धर्मेंद्र गुप्ता ने ही पुलिस को बताया था कि उनके परिवार की एक महिला मुस्लिम व्यक्ति के साथ रह रही है। इसको  लेकर कई बार सुरेश चंद्र गुप्ता पर पहले भी हमला हो चुका है। शायद उन्होंने ही इस हत्याकांड को भी अंजाम दिया होगा। पुलिस ने उस व्यक्ति से भी पूछताछ की थी मगर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वह बच गया था। धर्मेंद्र ने बताया था कि सुरेश चंद्र गुप्ता का बड़ा बेटा निर्दोष भी करीब 11 साल से अपने पिता से बात नहीं कर रहा था हो सकता है कि उसी ने हत्या कर दी हो। पुलिस ने निर्दोष से भी पूछताछ की मगर कोई सुराग नही मिल सका था। अंत में पुलिस ने धर्मेंद्र गुप्ता को ही हिरासत मे लेकर सख्ती से पूछताछ की। पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ मे वह टूट गया और सब सच उगल दिया। हत्यारोपित धर्मेंद्र गुप्ता मूलरूप से शाहजहांपुर का रहने वाला है। वहां उसके खिलाफ कई मुकदमें दर्ज हैं। जब करीब 25 साल पहले उसे पुलिस परेशान कर रही थी। तभी सुरेश चंद्र गुप्ता और उनके पिता विशुनलाल गुप्ता ने धर्मेंद्र गुप्ता को विजय नगला ही बुला लिया। उसे यहां रहने के लिए जमीन दी और उसका मकान बनवा दिया। उसके बाद धर्मेंद्र अपने परिवार वालों को भी यहां ले आया और यहीं रहने लगा। उसने यहां लकड़ी की टाल भी खोल ली थी। उससे उसके परिवार का खर्चा चल रहा था। पुलिस ने हत्यारोपी धर्मेंद्र का सुसंगत धाराओ मे चालान कर जेल भेज दिया है। हत्यारोपी की निशानदेही पर घटना मे प्रयुक्त लकड़ी की फंटी भी बरामद कर ली गयी है।

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