कल शनिवार की शाम जिला बिजनौर के अफजलगढ़ थाना क्षेत्र मे पशुओ के लिए चारा लेने गयी एक महिला का नग्न शव लहूलुहान हालत मे खेत मे पड़ा मिलने पर हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची। पुलिस का कहना है कि महिला की मौत तेंदुए के हमले के कारण हुई है जबकि वन विभाग इसे हत्या बता रहा है। पुलिस ने महिला के शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शेरकोट थाना क्षेत्र के हरेवली निवासी सुंदर सिंह 10 वर्ष पूर्व अफजलगढ़ थाना क्षेत्र के मंझोली आकर रहने लगे थे। सुंदर सिंह यहाँ सभासद रियासत के मकान मे किराए पर रहते है। सुंदर सिंह पेशे से ड्राइवर है और उनके परिवार मे पत्नी अलका आयु 35 वर्ष के साथ ही दो पुत्र अनिकेत आयु 10 वर्ष व गगनजीत आयु 7 वर्ष है। सुंदर सिंह की पत्नी ने एक भैंस पाली हुई है। कल शनिवार की शाम लगभग 4 बजे अलका घर से कुछ दूरी पर स्थित विजेंद्र सिंह के बाग से भैंस के लिए चारा लेने गयी थी। अलका के देर शाम तक वापस न आने पर परिजनो को चिंता हुई और उसकी तलाश शुरू कर दी। परिजनो ने अलका को गाँव के कई घरो मे तलाश किया मगर वह नही मिली। अलका के गाँव मे न मिलने पर सुंदर सिंह ने ग्रामीणो के साथ बाग़ की ओर जाकर उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान देर शाम लगभग 6 बजे उन्हे अलका का शव एक खेत मे पड़ा मिला। अलका के शव से गले व पेट का भाग गायब था और अंतड़िया बाहर निकली हुई थी। उसके हाथ का मांस भी नोंचा गया था। ग्रामीणो द्वारा सूचना दिए जाने पर पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुँच गयी। पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई के बाद शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।
घटनास्थल पर पहुंचे सीओ अफजलगढ़ राजेश सोलंकी ने बताया कि घटनास्थल के आसपास तेंदुए के पदचिन्ह देखे गए है। महिला को गुलदार ने ही मारा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। दूसरी ओर नगीना वन रेंजर प्रदीप शर्मा का कहना है कि ये हत्या से जुड़ा मामला है। उन्होंने बताया कि महिला का शव नग्न अवस्था मे खुले मे पड़ा मिला है। ये स्थिति तेंदुए के हमले से मेल नही खाती है। उनका कहना है कि तेंदुआ आमतौर पर अपने शिकार को खींचकर झाड़ियो मे ले जाता है जबकि महिला का शव खुले स्थान पर मिला है और उसके शरीर पर कपड़े भी नही थे। इन स्थितियो के आधार पर ये मामला हत्या का लग रहा है।
इस घटना को लेकर ग्रामीणो मे रोष व्याप्त है। ग्रामीणो का कहना है कि दो तीन दिन पूर्व भी इसी स्थान पर गुलदार ने हमला कर एक कुत्ते को अपना शिकार बना लिया था। इस घटना की सूचना भी वन विभाग को दी गयी थी मगर कोई कार्रवाई नही हुई। ग्रामीणो का कहना है कि यदि समय रहते वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने का प्रयास किया होता तो शायद ये घटना न होती।
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