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शुक्रवार, फ़रवरी 28, 2025

चंदौसी/जिला संभल - एलआईसी अभिकर्ता ने कूटरचित हस्ताक्षर कर ग्राहक की पॉलिसी पर कराया लोन, दी जान से मारने की धमकी

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जिला संभल के चंदौसी से भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ता द्वारा जालसाजी कर ग्राहक की पॉलिसी पर लोन लिए जाने का मामला प्रकाश मे आया है। आरोप है कि इस बारे मे शिकायत किये जाने पर अभिकर्ता व निगम की चंदौसी शाखा मे कार्यरत अन्य कर्मचारियो ने पीड़ित के साथ अभद्र व्यवहार किया व जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने इस मामले मे पत्र लिखकर जिलाधिकारी संभल व प्रदेश के मुख्यमंत्री से न्याय दिलाये जाने की गुहार लगाई है।


उक्त मामले मे गत 25 फरवरी को जिलाधिकारी संभल व प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किये गए पत्र मे पीड़ित हरिश्चंद्र सिंह पुत्र स्व0 नारायण सिंह, निवासी गली नं .7, गणेश कॉलोनी, चंदौसी, जिला सम्भल ने बताया कि वे स्थानीय आर.आर.के. स्कूल, चंदौसी से सेवानिवृत अध्यापक है। उन्होंने 20 अक्टूबर 2003 को भारतीय जीवन बीमा निगम, शाखा कार्यालय-चंदौसी के अभिकर्ता रामस्नेही शर्मा (हेड अकाउंटेंट आर.आर.के स्कूल, चंदौसी) पुत्र स्व0 अशर्फी लाल शर्मा, निवासी-आवास विकास (निकट एल.आई.सी.ऑफिस, थाना-कोतवाली चंदौसी) के माध्यम से अपने नाम से एक बीमा पॉलिसी रूपये 1 लाख की कराई थी। इस पॉलिसी की संख्या 25220 031 थी। जिसकी मासिक किस्त रु. 462/- प्रार्थी के वेतन से स्वत: जमा होती रही, स्कूल से सेवानिवृत्ति दिनांक 31.3.2019 के बाद उक्त पॉलिसी की त्रैमासिक किस्त रु.1386/- भी उनके द्वारा निरंतर जमा कराई जाती रही। पॉलिसी की परिपक्वता तिथि 20 अक्टूबर 2024 को पूर्ण हो जाने के बाद उन्होंने संपूर्ण कागजी कार्यवाही पूर्ण करके पॉलिसी के भुगतान हेतु आवेदन किया। इसके बाद उनके खाता संख्या-- 27060100013642 बैंक ऑफ़ बड़ौदा शाखा-चंदौसी में मात्र 1,65,387/- का भुगतान प्राप्त हुआ। गत 20 वर्षों की अवधि में निरंतर किश्त जमा होने के बावजूद इतनी कम बीमा रकम आने पर जब प्रार्थी ने बीमा विशेषज्ञों से गणना कराई तो परिपक्वता राशि रु. 200000/- से अधिक आई। प्रार्थी चंदौसी के बीमा कार्यालय गया तो विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ कि बीमा अभिकर्ता रामस्नेही शर्मा, गिरिराज शर्मा तथा विकास अधिकारी चेतन स्वरूप ने आपस में हमसाज़ होकर प्रार्थी के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर प्रार्थी की पॉलिसी पर ₹ 9000/- का ऋण लिया गया है और उक्त तीनों ने प्रार्थी के बीमा के रुपए हड़प लिए हैं।


घोटाले के बाद कई बार बीमा अभिकर्ता रामस्नेही शर्मा के पास जाता रहा है और वह लगातार टालमटोल करते रहे। थक हारकर प्रार्थी ने बीमा कार्यालय पर संपर्क किया तो वहां की पॉलिसी का रिकॉर्ड उपलब्ध न होने की बात कह कर टरका दिया। प्रार्थी ने फिर से रामस्नेही शर्मा से संपर्क किया तो उन्होंने अभद्र व्यवहार किया, जब प्रार्थी ने उच्च अधिकारियों से शिकायत करने को कहा तो उन्होंने झिड़कते हुए कह दिया कि हम लोग तो बीमों में ऐसे काम करते ही हैं, अब तो हमने तुम्हारे रुपए हड़प लिए, तुम्हें जो करना हो कर लो, हम किसी से नहीं डरते, हम पैसे वाले हैं, पैसे देकर सब ठीक कर लेंगे और उल्टा तुझे ही झूठे मुकदमों में फंसा देंगे। प्रार्थी ने ज्यादा कहा तो गाली-गलौज करते हुए बोले कि अबकी बार यहां आया तो चंदौसी से भगा देंगे या कहीं मौका मिला जान से मरवा देंगे।


जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र मे पीड़ित ने वृद्ध, असहाय व निर्बल आय वर्ग से होने का हवाला देते हुए उक्त मामले मे बीमा अभिकर्ता रामस्नेही शर्मा व अन्य दोषियो के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है। 

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