आज सोमवार को दिए गए फैसले मे इलाहबाद उच्च न्यायालय ने सम्भल स्थित जामा मस्जिद के एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। उच्च न्यायालय द्वारा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी द्वारा एएसआई सर्वे के खिलाफ दायर की गयी पुनरीक्षण याचिका को भी ख़ारिज कर दिया गया है। न्यायालय ने इंतजामिया कमेटी के इस तर्क को भी स्वीकार नही किया कि ये दीवानी मुकदमा वर्ष 1991 से प्रकाश मे आये पूजा स्थल अधिनियम के प्रावधानों से बाधित है।
उक्त आदेश आज सोमवार को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल द्वारा सुनाया गया। न्यायालय ने गत 13 मई को जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, हरी शंकर जैन व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वकीलो के पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पाठको को बताना उचित होगा कि हरि शंकर जैन व 7 अन्य ने सिविल जज सीनियर डिवीजन सम्भल की अदालत मे एक याचिका दायर की थी। इस याचिका मे कहा गया था कि जामा मस्जिद एक मंदिर को ध्वस्त कर बनाई गयी है। याचिका मे कहा गया था कि मुगल सम्राट बाबर ने 1526 मे सम्भल स्थित हरिहर मंदिर को ध्वस्त कराने के बाद इस जामा मस्जिद का निर्माण कराया था। गत 19 नवंबर को ये याचिका दायर करने के बाद निचली अदालत ने मस्जिद के सर्वे के आदेश जारी किये थे। 19 नवंबर की शाम को ही सर्वे का पहला चरण भी पूरा कर लिया गया था। इसी सर्वे का दूसरा चरण नवंबर को पूरा किया जाना था मगर इस दौरान मौके पर एकत्र हुये हजारो की भीड़ ने पथराव व फायरिंग की थी। इस दौरान चार लोगो की मौत हो गयी थी व कई गाड़ियों को आग लगा दी गयी थी। इसके बाद 3 जनवरी 2025 को इंतजामिया कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ये मामला उच्च न्यायालय भेज दिया था और कहा था कि आप इलाहबाद उच्च न्यायालय जाए।
मस्जिद की इंतजामिया कमेटी द्वारा उच्च न्यायालय मे दायर की गयी पुनरीक्षण याचिका मे कहा गया था कि सम्भल की अदालत मे दीवानी मुकदमा 19 नवंबर 2024 की दोपहर को दाखिल किया गया था और कुछ ही घंटों के भीतर पीठासीन अधिकारी ने एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त कर उसे मस्जिद में एक प्रारंभिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया, जो उसी दिन यानी 19 नवंबर को और फिर 24 नवंबर 2024 को किया गया था। दीवानी अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट 29 नवंबर तक उसके समक्ष दाखिल की जाए। उच्च न्यायालय ने गत 8 जनवरी को निचली अदातल के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा था कि जब तक हम इसकी सुनवाई कर रहे है कोई फैसला निचली अदालत द्वारा न लिया जाए।
आज सोमवार को उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले मे तमाम पक्षों को सुनने के बाद मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की याचिका ख़ारिज करते हुए सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया गया है। उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद सम्भल व विशेष रूप से जामा मस्जिद क्षेत्र मे सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है।
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