इंटरनेट डेस्क। एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा दिए गए भारत किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगा के बयान को लेकर अब कांग्रेस की ओर से बड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस संबंध में आज एक्स के माध्यम से बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले एक समय ऐसा भी था जब संसद में प्रधानमंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों का उपहास उड़ाते हुए उन्हें ;आंदोलनजीवी कह दिया था।
तीन काले, किसान-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन में 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री के मुँह से उनके लिए न दर्द, न अफसोस और न ही सहानुभूति का एक शब्द निकला। किसान संगठन आज भी समूचे उत्पादन की लागत (सी2) पर 50 प्रतिशत लाभ जोडक़र एमएसपी की कानूनी गारंटी और ठोस कर्ज राहत की मांग कर रहे हैं। इन मांगों पर प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं, जबकि इन्हीं मुद्दों को भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति ने भी उठाया था।
नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री आरसीईपी व्यापार समझौते में भारत को शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार थे, जो भारतीय किसानों और डेयरी उत्पादकों को भारी नुकसान पहुंचा सकता था, लेकिन कांग्रेस पार्टी और किसान संगठनों के लगातार दबाव के चलते, आखिरी वक्त पर प्रधानमंत्री मोदी को पीछे हटना पड़ा। अब ट्रंप के हमले से आहत और पस्त पीएम मोदी खुद को भारतीय किसानों के सबसे बड़े हितैषी के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन किसी को इस पर कोई भ्रम नहीं है।
PC:indiatoday
अपडेट खबरों के लिए हमारावॉट्सएप चैनलफोलो करें