चंदौसी निवासी 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल का डीजीपी बनाया गया है। राजीव कुमार मुरादाबाद के गांधी कहे जाने वाले सांसद प्रोफेसर रामसरन के पौत्र और चंदौसी के एसएम डिग्री कालेज के प्रोफेसर आनंद कुमार के पुत्र हैं।
राजीव कुमार ने चंदौसी के एसएम कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद आईआईटी रुड़की से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद आईपीएस में चयन होने पर उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर मिला। राजीव कुमार के डीजीपी बनाए जाने पर चंदौसी में उनके परिचित लोगों में खुशी है। क्योंकि राजीव कुमार के पिता एसएम डिग्री कालेज चंदौसी में समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष रहे थे। राजीव कुमार की मां मुन्नी देवी हैं। राजीव कुमार के छोटे भाई शरद कुमार त्वचा रोग विशेषज्ञ हैं और इस समय सूरत में रहते हैं। छोटी बहन डाॅ. ऋचा गुप्ता अमेरिका में रहती हैं। राजीव कुमार के परिचित बताते हैं कि वह हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में भी टॉपर रहे और बाद में इंजीनियरिंग में भी टॉप किया। वह बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। अब डीजीपी बनकर नाम रोशन किया है। इससे पहले कोलकाता के पुलिस आयुक्त भी रहे हैं।
पूर्व में कोलकाता के पुलिस आयुक्त रहते हुए राजीव कुमार काफी चर्चा में रहे थे। चिटफंड मामले की जांच को लेकर वर्ष 2019 में सीबीआई की टीम राजीव कुमार के घर पहुंची थी। उस समय सीबीआई की टीम को राजीव कुमार के सुरक्षा गार्डों ने अंदर नहीं घुसने दिया था। इनके समर्थन में ममता बनर्जी खुद धरने पर बैठ गई थीं। इस मामले की चर्चा देशभर में हुई थी। कहा जाता है कि राजीव कुमार पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीब हैं।
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