आज बुधवार को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर श्री नारायण सेवा समिति, चंदौसी के तत्वावधान में ब्रजनगर स्थित भोलेनाथ नगर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में उपस्थित रहे वक्ताओं ने हिंदी की वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने हेतु विचार व्यक्त किये।
गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए हरिशंकर शर्मा शास्त्री जी ने कहा कि अंग्रेजी भाषा भले ही दुनिया भर के कई देशों में बोली जाती है और लिखी जाती है लेकिन हिंदी हर व्यक्ति के दिल की भाषा है। गोष्ठी में मुख्य अतिथि रहे डा0 टी0एस0 पाल ने कहा कि 14 सितंबर को हिंदी को भारत में राजभाषा के रूप में स्थापित होने पर राजभाषा दिवस जबकि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए सुभाष चंद्र वार्ष्णेय ने कहा कि विश्व हिंदी दिवस मनाए जाने की घोषणा भारत सरकार द्वारा 10 जनवरी 2006 को की गई थी। प्रबंधक हरीश कठेरिया 'एडवोकेट ने बताया कि समिति द्वारा प्रति वर्ष 14 सितंबर को "हिंदी दिवस" के उपलक्ष में 'हिंदी सेवा सप्ताह' मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से आगामी वर्ष से "विश्व हिंदी दिवस" पर हिंदी की सेवार्थ रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्य किये जायेंगे। विपिन कुमार गुप्ता ने कहा कि आज हिंदी केवल हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर स्थापित हो चुकी है। डॉ. जयशंकर दुबे ने अपनी हिंदी कविता से मातृभाषा का मान बढ़ाया।
इस अवसर पर मुकुंद अग्रवाल, सूर्यजीतसिंह आदि अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
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