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सोमवार, जुलाई 15, 2024

बरेली - आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने किया 23 हिंदू युवक-युवतियों का मुस्लिमो संग सामूहिक निकाह कराने का ऐलान

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आज सोमवार को अपने आवास पर बुलाई गयी प्रेस वार्ता में सियासी पार्टी आईएमसी (इत्तेहाद ए मिल्लत काउन्सिल) के प्रमुख तौकीर रजा ने 23 हिन्दू युवक व युवतियो का मुस्लिम पक्ष के साथ निकाह कराये जाने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि इन सभी हिन्दू युवाओ की इस्लाम में आस्था है। उन्होंने हिन्दू युवाओ के धर्म परिवर्तन करने व उन मुस्लिम युवको व युवतियों से निकाह कराने के लिये आईएमसी को आवेदन भेजा है जिनके साथ वे पूर्व से ही रह रहे है।


प्रेस वार्ता के दौरान आईएमसी प्रमुख ने कहा कि दो वर्ष पूर्व दरगाह आला हजरत पर पाबंदी लगाई गयी थी कि किसी भी युवा को लालच देकर या इश्क के कारण इस्लाम धर्म न कबूल कराया जाये। उनका कहना है कि इस सबके बाद भी पिछले कुछ समय में उनके पास कई ऐसे हिन्दू युवा आये जिनके सम्बन्ध साथ काम करने या दुसरे कारणों से मुस्लिमो के साथ हो गए है। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर धर्म परिवर्तन कर चुके है और लिव इन रिलेशन में रह रहे है। मौलाना तौकीर का कहना है कि कोई भी मजहब लिव इन रिलेशन को अनुमति नहीं देता है। उन्होने कहा कि भारतीय संस्कृति भी इसे मंजूरी नहीं देती है। उनके अनुसार आईएमसी के पास इस समय 8 युवको व 15 युवतियों समेत 23 ऐसे हिन्दू युवाओ के आवेदन है जो इस्लाम कबूल करना चाहते है। इनमे से एक मामला मध्य प्रदेश का है जबकि अन्य बरेली व आसपास के जिलों से है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 5 जोड़ों का सामूहिक निकाह 21 जुलाई को खलील हायर सेकंड्री स्कूल में कराया जायेगा। मौलाना ने कहा कि अभी सुरक्षा कारणों के चलते इन युवाओ का विवरण नहीं दिया जा सकता है। ये युवा लिव इन रिलेशन में रह रहे है और इससे बाहर आना चाहते है।


तौकीर रजा ने कहा कि न जाने कितनी ही मुस्लिम युवतिया हिन्दू धर्म अपना चुकी है मगर वे चुप रहे और कोई विरोध नही किया। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई के कार्यक्रम के लिए आईएमसी के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने सिटी मजिस्ट्रेट से अनुमति माँगी है। उन्होंने कहा कि ये 23 युवा स्वेछा से इस्लाम धर्म कबूल कर मुस्लिम युवक व युवतियों से निकाह करना चाहते है। इन्हे कोई प्रलोभन नहीं दिया गया है और न ही कोई दबाब है। मौलाना के अनुसार अभी प्रशासन से कोई जबाब नही मिला है परन्तु ये कोई गैरकानूनी काम नही है अतः उन्हें आशा है कि अनुमति अवश्य ही मिलेंगी।


उक्त मामले में शाही जामा मस्जिद के शहर इमाम खुर्शीद आलम ने कहा कि आईएमसी का इसके पीछे क्या राजनैतिक उद्देश्य है वे नहीं जानते मगर ये सही है कि इस्लाम में बिना निकाह किये पति - पत्नी की तरह रहना नाजायज व हराम है। उन्होंने कहा कि किसी लालच अथवा जोर दबाब कराये जा रहे काम की इस्लाम इजाजत देता है। इस मामले में नगर मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला ने बताया कि आईएमसी संगठन प्रभारी ने 21 जुलाई को सामूहिक निकाह की अनुमति के लिए आवेदन किया है। ये आवेदन जांच हेतु पुलिस को भेज दिया गया है। पुलिस की रिपोर्ट के बाद मामले में फैसला लिया जायेगा। 

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