उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर से 23 दिन पहले लापता हुईं दो नाबालिग छात्राओं को पुलिस ने आखिरकार पंजाब के लुधियाना से सकुशल बरामद कर लिया है। छात्राओं ने खुलासा किया है कि उन्होंने 'आजाद जिंदगी' जीने की चाहत में अपना घर छोड़ा था। दोनों छात्राएं 15 नवंबर को गायब हुई थीं, जिसके बाद परिजनों ने उनकी तलाश के लिए सोशल मीडिया पर भी गुहार लगाई थी। दोनों छात्राओ को फ़िलहाल वन स्टॉप सेंटर भेजा गया है।
पाठको को बताना उचित होगा कि गत 15 नवम्बर को बिजनौर नगर कोतवाली क्षेत्र से दो नाबालिग छात्राएं स्कूल जाने के दौरान एक साथ लापता हो गई थीं। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया और उनकी तलाश शुरू कर दी थी। इस दौरान छात्राओ के बरामद न होने पर आक्रोशित परिजनो व ग्रामीणो ने थाना परिसर मे धरना प्रदर्शन भी किया था। नाबालिग छात्राओ के लापता होने का ये मामला सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा था।
नाबालिग छात्राओ के लापता होने के मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने उनकी बरामदगी के लिए 32 टीमों का गठन किया था। इन टीमों में सर्विलांस और एसओजी टीम भी शामिल थीं, जिन्होंने कई राज्यों में छानबीन की। जांच के दौरान दोनों छात्राओं को बिजनौर रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया, जिससे अंदाजा लगा कि वे ट्रेन द्वारा कहीं गई हैं। इसी आधार पर पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाया। इस जाँच के दौरान पुलिस को छात्राओं के पंजाब के लुधियाना में होने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही बिजनौर पुलिस की एक टीम लुधियाना पहुंची और दोनों छात्राओं को सकुशल बरामद कर लिया।
छात्राओं ने पुलिस को बताया कि वे घर के बंधनों से दूर 'अपनी मर्जी से जिंदगी जीना चाहती थीं', इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। छात्राओ ने बताया कि वे बिजनौर से बस द्वारा सहारनपुर पहुंचीं। वहां टपरी रेलवे स्टेशन से दोनों बांद्रा जाने वाली ट्रेन में सवार हो गईं। सूरत में उतरकर उन्हें माहौल सुरक्षित नहीं लगा और वे दोबारा ट्रेन से रतलाम पहुंचीं। रतलाम में पैसे खत्म होने पर इंटर की छात्रा ने अपने टॉप्स साढ़े सात हजार रुपये में बेच दिए। इसके बाद दोनों ट्रेन से लुधियाना पहुंच गईं। घर से निकलते समय दोनों के पास मात्र दो हजार रुपये ही थे। सूत्रों के अनुसार दोनों छात्राएं 20 नवंबर से लुधियाना में ही थीं। उन्होंने वहां किराए पर कमरा लेकर 10 हजार रुपये महीने की नौकरी भी पकड़ ली थी। बताया जा रहा है कि स्वतंत्र जीवन जीने की चाह में उन्होंने घर छोड़ने का फैसला लिया था।
इस दौरान पुलिस की स्वाट, सर्विलांस और कोतवाली पुलिस की करीब 30 टीमें तथा 100 से अधिक पुलिसकर्मी लगातार तलाश में जुटे रहे। भारी संख्या में सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसके बाद पुलिस को सफलता मिली। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों नाबालिगों को बरामद कर लिया गया है और उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने पुलिस की सभी टीमों की सराहना की, जिन्होंने इस जटिल मामले को सुलझाने में सफलता प्राप्त की। एसपी के अनुसार कल बुधवार को दोनों छात्राओ के बयान न्यायालय में दर्ज कराए जाएंगे।
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