उत्तर प्रदेश के बदायूं में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश में प्रशासन और पुलिस ने आज शनिवार को एक बड़ा अभियान शुरू किया। यह अभियान एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट सुरेशपाल सिंह और सीओ सिटी रजनीश उपाध्याय के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ बड़े सरकार की दरगाह परिसर में चलाया गया।
अधिकारियों की टीम ने सबसे पहले दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों को बाहर बुलाया। इसके बाद चादर-प्रसादी की दुकानों के संचालकों से पूछताछ की गई और उनके पहचान दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई। टीम ने दरगाह परिसर में रह रहे लोगों की भी जांच की। दरगाह परिसर में सैकड़ों लोग कई सालों से कच्चे-पक्के घर बनाकर ठहरे हुए हैं। जांच के दौरान कई कमरे खाली मिले जबकि कई झोपड़ीनुमा कमरों में रहने वाले लोग ताले लगाकर भाग निकले। जांच के दौरान कुछ लोगों ने खुद को शहर का निवासी बताया तो कुछ ने अन्य जिलों का। उनका दावा था कि वे रूहानी इलाज के लिए दरगाह पर रुके हैं। हालांकि उनकी आय का कोई स्पष्ट स्रोत नहीं मिल पाया और उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। तलाशी अभियान के दौरान दरगाह परिसर में एक निजी क्लीनिक भी मिला, जो उस समय बंद था। इसके अलावा, कई घरों में बिजली की अवैध आपूर्ति भी पाई गई।
इस अभियान के दौरान कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए कोतवाली भेजा गया है।अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि केवल वे लोग ही रोहिंग्या मुसलमानों की श्रेणी से बाहर आ सकते हैं, जो कम से कम तीन पीढ़ियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर सकें।
तलाशी अभियान के बाद दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने भी अवैध रूप से बसे लोगों को जल्द से जल्द परिसर खाली करने की सख्त चेतावनी दी है। एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी ने जानकारी दी कि अवैध रूप से रह रहे बाहरी व्यक्तियों का पता लगाने के लिए यह अभियान हर संभावित स्थान पर जारी रहेगा।
![]() |
| अभी तक पाठक संख्या |

