राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा आज रविवार को नगर में भव्य पथ संचलन निकाला गया। यह आयोजन सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों के देश और धर्म के लिए दिए गए अद्वितीय बलिदान को 'शहीद पर्व' के रूप में मनाने व शहीदो को नमन करने के लिए किया गया। अनुशासन और राष्ट्रभक्ति के संगम वाले इस संचलन में लगभग 110 स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
पथ संचलन प्रारम्भ होने से पूर्व रामा विष्णु सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अनिल कुमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों के बलिदान के कारण ही आज हमारा राष्ट्र और जीवन दोनो सुरक्षित है। उन्होंने विशेष रूप से गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों के बलिदान का उल्लेख करते हुए कहा कि "हमें पाश्चात्य संस्कृति के पर्वों के मोह को छोड़कर अपने महान बलिदानी इतिहास को 'शहीद दिवस' के रूप में मनाना चाहिए। यह 21 दिसंबर से 28 दिसंबर तक चलने वाला 'शहीद पर्व' युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"
रामा विष्णु शिशु मंदिर परिसर से प्रारंभ हुआ पथ संचलन मौहल्ला नक्टा धर्मशाला, सराय जोखा सिंह, मौहल्ला चौधरीयान और होलियान सहित नगर के विभिन्न मुख्य मार्गों से गुजरा। संचलन के दौरान शिशु मंदिर के छात्र घोष (बैंड) की धुन बजाते हुए चल रहे थे, जिसने पूरे वातावरण को राष्ट्रभक्ति के स्वर से गुंजायमान कर दिया। नगरवासियों ने कई स्थानों पर पुष्पवर्षा कर पथ संचलन का स्वागत किया। पूर्ण गणवेश में अनुशासित तरीके से कदमताल करते हुए स्वयंसेवक वापस विद्यालय परिसर पहुंचे। जहाँ पथ संचलन का समापन किया गया।
इस अवसर पर आरएसएस के नगर कार्यवाह चंद्रसेन, जिला शारीरिक प्रमुख मृत्युंजय, अशोक चंद्रा, सौरभ, नितिन अग्रवाल, गणेश सेती और प्रमोद त्यागी सहित संघ के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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