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| एआई जनरेटेड काल्पनिक चित्र |
मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक विवाहिता को सिर्फ इसलिए जिंदा जलाने की कोशिश की गई क्योंकि उसने बेटे को जन्म नहीं दिया था। आग की लपटों से घिरी महिला मदद के लिए चीखते हुए घर से बाहर भागी, जिसे देख इलाके में हड़कंप मच गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला संभल के कुढ़फतेहगढ़ निवासी चंद्रपाल ने अपनी पुत्री नीशू सक्सेना का विवाह 15 वर्ष पूर्व मझोला के आदर्श गली निवासी गौरव सक्सेना के साथ किया था। वैवाहिक जीवन के दौरान नीशू ने चार बेटियों को जन्म दिया, जिनमें से एक की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। आरोप है कि बेटा न होने के कारण ससुराल पक्ष के लोग उसे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
कल रविवार दोपहर को भी इसी को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। आरोप है कि इसी विवाद के दौरान ससुरालियों ने नीशू पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। आग की लपटों के बीच घिरी नीशू जान बचाने के लिए चीखती-चिल्लाती घर से बाहर सड़क पर आ गई। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए आग बुझाई, लेकिन तब तक महिला 60 प्रतिशत तक झुलस चुकी थी। पुलिस के आने की भनक लगते ही आरोपी मौके से फरार हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही मायके वाले मौके पर पहुंचे और पीड़िता को पाकबड़ा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने महिला के पिता द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर पति गौरव सक्सेना, सास रानी, ननद उषा, पूजा चम्पा व एक अन्य अशोक को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मझोला रविंद्र कुमार ने बताया कि पीड़िता के पिता द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर पति समेत छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की टीमें आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही हैं। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
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