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बिजनौर - नजीबाबाद के होटल में हुई ट्रैवल एजेंट की हत्या का हुआ पर्दाफाश, गिरफ्तार हुआ हत्यारोपी दोस्त

newsindia17

स्वाट, सर्विलांस व नजीबाबाद पुलिस ने मिलकर शहबाज के हत्यारोपी दोस्त को दबोच लिया है। जिसने कारोबार में पैसे के विवाद को लेकर शहबाज की हत्या की थी। पुलिस ने हत्यारोपी के बाद से कैंची, खून में सनी शर्ट, होटल के कमरे की चाबी व मोबाइल आदि सामान बरामद किया है। एसपी ने खुलासा करने वाली टीम को बीस हजार रूपये का पुरूस्कार दिया है।


नजीबाबाद के कान्हा होटल के एक कमरे में रविवार को रक्त रंजिश शव मिला था। जिसकी पहचान शहबाज पुत्र मोहम्मद यूसुफ निवासी बी-13/362 कल्याणपुरी नई दिल्ली के रूप में हुई थी। जो मूल रूप से जनपद के थाना अफजलगढ़ के मोहल्ला बेगम सराय का रहना वाला था। एसपी डा. धर्मवीर सिंह सोमवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुये बताया कि पुलिस टीम ने जांच में पाया कि मृतक अपने साथी शकील लंबू पुत्र वकील निवासी नई सराय थाना शेरकोट के साथ होटल आया था। लेकिन हत्या के समय वह होटल में नही मिला था। एएसपी सिटी डा़ प्रवीन रंजन ने बताया कि पुलिस टीमों ने सोमवार की सुबह शकील को नजीबाबाद में रोडवेज बस स्टेंड से दबोच लिया। शकील ने बताया कि शहबाज व उसका दिल्ली में लोगों को विदेश भेजने के लिए वीजा लगवाने का काम था। दोनों में काम व पैसों के बटवारे को लेकर रंजिश बढ़ गई थी। शहबाज उसको रौब भी दिखाता था। जिसके चलते उसने कई बार उसको लाखों रूपये भी दिये थे। वह उसको प्लान करके टैक्सी से एक फर्जी पार्टी से नजीबाबाद क्षेत्र में शनिवार को मिलवाने लाया था। लेकिन पार्टी नही मिली थी। जिसके बाद उसने शहबाज को एक होटल में रूककर सुबह चलने के लिए कहा गया था। दोनों शनिवार की रात होटल में रूके। शहबाज शराब पीने का आदि था। जब उसने अत्यधिक शराब का सेवन कर लिया, तो मौका देखकर आधी रात में उसने कैंची से उसका गला व हाथ की नस काट दी। वह सुबह मौका देखकर होटल से फरार हो गया था।


हत्यारोपी शकील ने बताया कि उसने शनिवार की रात 12 से एक बजे के बीच में शहबाज की हत्या की थी। इसके बाद उसने करीब चार घंटे तक टीवी पर फिल्म देखी। रविवार की सुबह करीब पांच बजे वह होटल के कमरे का ताला बाहर से लगाकर वहां से भाग गया था। हत्यारोपी शकील ने बताया कि वह शहबाज से काफी परेशान था। वह उससे एक ऑफिस बनवाकर वीजा का फर्जी काम भी कराना चाहता था। जिससे उसको मोटा पैसा मिल जाये। वह फर्जी काम नही करना चाहता था। उसने शहबाज को लाखों रूपये भी दिये थे। जिसके चलते उसने शहबाज की हत्या की प्लानिंग की थी। वह उसको मारने के लिए दिल्ली से ही एक कैंची लेकर आया था।


एसपी ने बताया कि हत्यारोपी शकील पहले भी जेल जा चुका है। शकील कई दिनों तक अमरोहा जेल में रहा था। वह उत्तराखंड के देहरादून से जिला बदर भी है। वहीं हत्यारोपी ने बताया कि शहबाज भी करीब तीन से चार साल तिहाड़ जेल रहा है।


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