30 जनवरी 1988 को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले आयोजित धरने मे शहीद हुए नहटौर क्षेत्र के ग्राम शादीपुर निवासी भगवाना सिंह की पुण्य तिथि आज उनके पौत्र अतेन्द्र चौधरी के निवास पर श्रद्वा पूर्वक मनाई गयी। इस अवसर भाकियू (टिकैत) के पदाधिकारीगण व क्षेत्र के तमाम गणमान्य उपस्थित रहे। भाकियू पदाधिकारियो ने स्वर्गीय भगवाना सिंह के चित्र पर पुष्पॉजलि अर्पित करते हूए उनकी शहादत के याद करते हुए निस्वार्थ भाव से किसानो के हित के लिये कार्य करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर ब्लॉक महासचिव भाकियू (टिकैत) अतेन्द्र चौधरी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसके बाद भी भारतीय किसानो को अपने अधिकारो के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है और तमाम सरकारे बदल जाने के बावजूद भी कोई सुनवाई नही हो सकी है। उन्होने किसान नेता स्वर्गीय भगवाना सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन किसानो के हित को ही समर्पित रहा तथा किसानो की लड़ाई के दौरान ही शहीद हो गये। उन्होने कहा कि तत्कालीन सरकार द्वारा किसान आन्दोलन को दबाने हेतु किये गये तमाम प्रयासो के बाद भी उन्होने हार नही मानी और 30 जनवरी 1988 को भाकियू (टिकैत) के बैनर तले पुलिस कमिश्नरी मेरठ मे आयोजित धरने मे शहीद हो गये। समस्त औपचारिकताओ के उपरान्त 01 फरवरी 1988 को मेरठ के सीडीए मैदान मे उनका अंतिम संस्कार किया गया था। इस अवसर पर उपस्थित रहे अन्य किसान नेताओ व वक्ताओ ने भी स्वर्गीय भगवाना सिंह की शहादत को स्मरण करते हुए किसान हित मे किये गये उनके कार्याे को याद किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से ब्लॉक अध्यक्ष भाकियू (टिकैत) मुनेश अहलावत, ब्लॉक महासचिव शुभम अहलावत, शेखर सिंह, जयपाल सिंह, बेगराज सिंह, तेजपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।