उपभोक्ता फ़ोरम ने वर्ष 2022 मे प्रसव के दौरान हुई जच्चा बच्चा की मौत के मामले मे अस्पताल संचालक व चिकित्सक पर 9 लाख 5 हजार का जुर्माना लगाया है। उपभोक्ता फोरम ने हर्जाने की राशि 45 दिन मे 7 प्रतिशत ब्याज की दर से अदा करने का आदेश दिया है।
पाठको को बताना उचित होगा कि रामपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के शक्तिनगर निवासी प्रदीप कुमार ने अपनी पत्नी शोभा यादव को 20 जून 2022 को प्रसव के लिए गंगा अस्पताल मे भर्ती कराया था। यहाँ शोभा ने एक बच्चे को जन्म दिया था। इस दौरान अस्पताल मे कार्यरत महिला चिकित्सक अर्चना व अन्य कर्मचारियो की लापरवाही के चलते शोभा व नवजात दोनो की हालत बिगड़ गयी थी। चिकित्सक ने हालत बिगड़ने पर शोभा व नवजात शिशु को टीएमयू मुरादाबाद में भर्ती कराया था। यहाँ दोनों की मौत गयी थी। परिजनो ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी मगर कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने उपभोक्ता फोरम मे अपील की थी।
कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमओ पैनल से जांच कराई थी। इस जाँच मे पाया गया कि अस्पताल मे प्रशिक्षित कर्मचारी नही है और चिकित्सक ने भी लापरवाही की थी। जाँच मे सामने आया कि शोभा का लीवर व किडनी खराब होने के बाद भी अस्पताल में उसकी आँखो का उपचार किया गया था। इस मामले के सिविल लाइन थाने मे मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता रमेश लोधी ने बताया कि दलीले सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष देवी शंकर श्रीवास्तव व सदस्या मनोज देवी ने गंगा हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक अर्चना श्रीवास्तव व प्रबंधक अरशद अली पर 9 लाख 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।
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