संभल पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए चकबंदी विभाग के 2 लेखपालो समेत 4 आरोपियो को गिरफ्तार किया है। इन सभी ने सांठ गाँठ कर 326 बीघा सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से 58 लोगो के नाम कर दिया था। इस मामले मे वांछित 1 चकबंदी अधिकारी फ़िलहाल फरार है जबकि 4 अन्य आरोपियो की मौत हो चुकी है।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि उक्त मामले मे चकबंदी लेखपाल गुन्नौर कुलदीप सिंह द्वारा शिकायत की गयी थी। इस शिकायत मे बताया गया था कि ग्राम सुखेला, थाना क्षेत्र जुनावई की करीब 326 बीघा सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से 58 लोगो के नाम कर दिया है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज की गयी जांच के दौरान पता लगा कि इन 58 लाभार्थियो मे से कोई भी वास्तविक नही है। एसपी ने बताया कि इस घोटाले मे कुल 58 फर्जी लाभार्थी व चकबंदी विभाग के 9 अधिकारी व कर्मचारी शामिल है। इनमे से 4 अधिकारियो की मौत हो चुकी है तथा 1 फरार है। जाँच के दौरान पता लगा कि इस भूमि के आवंटन से जुड़े दस्तावेज भी गायब कर दिए गए है। जाँच के दौरान आवंटन की प्रविष्टियो से जुड़े दस्तावेज ही मिल सके है। एसपी ने बताया कि इस मामले की जांच का कार्य वर्ष 2018 मे अपराध अनुसंधान केंद्र लखनऊ को दिया गया था। कुछ समय बाद ये जांच थाना गुन्नौर को सौंप दी गयी थी। जाँच के दौरान गायब मिले दस्तावेजो की बहजोई पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।
एसपी ने बताया कि 7 वर्ष बाद हुए खुलासे के बाद चकबंदी विभाग के 4 कर्मचारियो लेखपाल कालीचरण, लिपिक राम अवतार, चपरासी रामनिवास व लेखपाल मोरध्वज को गिरफ्तार किया गया है। मामले मे आरोपित 4 लोगो की मौत हो चुकी है। मृतको में 2 चपरासी, 1 लिपिक व 1 लेखपाल शामिल है। इस मामले मे वांछित चकबंदी अधिकारी सुरेंद्र कुमार फ़िलहाल फरार है।
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