उत्तर प्रदेश में मतदाता विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) में लगे एक और बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) ने दबाव के चलते अपनी जान दे दी है। आज रविवार की सुबह मुरादाबाद में बीएलओ का काम कर रहे 45 वर्षीय शिक्षक सर्वेश सिंह ने अपने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनकी जेब से तीन पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर टारगेट पूरे न होने की टेंशन और अधिकारियों के दबाव को अपनी मौत का कारण बताया है।
भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव बहेड़ी ब्रहमनान निवासी सर्वेश सिंह कंपोजिट विद्यालय जाहिदपुर में सहायक अध्यापक थे। उन्हें एसआईआर के लिए 7 अक्टूबर को पहली बार बीएलओ (बूथ संख्या-406) के लिए नियुक्त किया गया था। अपने सुसाइड नोट में सर्वेश सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को संबोधित करते हुए लिखा:
"प्रार्थी को पहली बार बीएलओ नियुक्त किया गया है और इसके बारे में मुझे पूर्ण ज्ञान न होने की वजह से समय रहते अपना टारगेट नहीं कर पा रहा है। दिनभर कड़ी मेहनत करने के बाद भी रात को में 2 या 3 घंटे भी नहीं सो पा रहा हूं। मेरी 4 छोटी बेटियां हैं। इनमें 2 की कई दिनों से तबीयत खराब है। बहुत परेशान हूं। मानसिक संतुलन खराब हो गया है। इसी परेशानी के चलते ये आत्मघाती कदम उठाना पड़ रहा है... मेरी 4 छोटी बेटियों का ख्याल रखना, बहुत मासूम हैं।" उन्होंने अंत में अधिकारियों से गुजारिश की है कि उनकी सेवा में बनी राशि उनकी पत्नी को मिलनी चाहिए, ताकि बेटियों का जीवन संवर सके, और उनके परिवार को परेशान न किया जाए।
मृतक सर्वेश सिंह की पत्नी बबली ने आरोप लगाया कि उनके पति पर काम को लेकर भारी मानसिक दबाव था। उन्होंने कहा, "वो स्कूल के हेड मास्टर थे, लेकिन उन्हें बीएलओ बना दिया गया। सरकार को पहले काम की ट्रेनिंग देनी चाहिए थी, लेकिन प्रेशर देना शुरू कर दिया।" पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। परिजनों ने चक्काजाम करने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर हटा दिया।
मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने इस दबाव से इनकार किया है। जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वेश सिंह बीएलओ के रूप में अच्छा कार्य कर रहे थे और अपने टास्क का करीब 67% फॉर्मों का डिजिटलाइजेशन कर चुके थे, जो औसत से काफी बेहतर है। उन्होंने यह भी बताया कि सर्वेश ने खुद पहल करके यह ड्यूटी ली थी और उनके सुपरवाइजर उनके रिश्तेदार थे, जो उनकी मदद कर रहे थे।
इस घटना के बाद एक बार फिर मतदाता विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) में लगे कर्मचारियों पर काम के दबाव को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। सर्वेश सिंह की मौत, यूपी में SIR शुरू होने के बाद से अब तक सातवें बीएलओ की मौत है। इनमें से तीन ने आत्महत्या की है।
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