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शनिवार, नवंबर 08, 2025

वंदे मातरम् को लेकर Gehlot ने आरएसएस पर साधा निशाना, कहा- ये अपना एजेंडा चलाने के लिए…

जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को लेकर आरएसएस और भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने आवास पर मीडिया के सामने इस संबंध में बड़ी बात कही है। इस बात की जानकारी अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने एकस के माध्यम से कहा कि आरएसएस का गीत तो नमस्ते सदा वत्सले है। इन्होंने कभी आरएसएस की शाखाओं में वंदे मातरम् गाया है क्या, कभी वंदे मातरम् की चर्चा भी की है क्या? अब ये कांग्रेस की त्याग, तपस्या और कुर्बानी की विरासत को चुराने का प्रयास कर रहे हैं।

वंदे मातरम् तो कांग्रेस का आजादी की लड़ाई के समय का गीत है। आरएसएस का आज़ादी की लड़ाई से कोई जुड़ाव नहीं रहा, तिरंगा तक दशकों तक नहीं लगाया। अब ये अपना एजेंडा चलाने के लिए वंदे मातरम् का इस्तेमाल कर रहे हैं।

150 वर्ष पूरे होने पर वंदे मातरम् को लेकर हो रहे सरकारी कार्यक्रमों को भाजपा एक पार्टी प्रचार इवेंट में बदल रही है जबकि यह गीत 1896 से कांग्रेस के हर अधिवेशन में गाया जाता रहा है। यह विरासत कांग्रेस की है, देश की है, इसे किसी को भी मिटाने या चुराने नहीं देंगे।

अशोक गहलोत ने इस संबंध में आगे कहा कि आरएसएस का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई संबंध नहीं रहा। अंग्रेज़ों के शासन में आरएसएस के लोग उनसे मिले हुए थे, उन्होंने दशकों तक तिरंगा नहीं लगाया, संविधान को नहीं माना, और महात्मा गांधी व डॉ. अंबेडकर के पुतले जलाए। सरदार पटेल ने स्वयं आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और अब ये सरदार पटेल पर अपना अधिकार जमा रहे हैं।

आरएसएस-बीजेपी विश्वास कभी संविधान में नहीं रहा
आरएसएस-बीजेपी आत्म ग्लानि में हैं। इनका विश्वास कभी संविधान में नहीं रहा। वंदे मातरम् 1896 में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा गीत बन गया और कलकत्ता अधिवेशन में पहली बार गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे गाया। तब से यह गीत कांग्रेस की ब्लॉक कमेटी, जिला समिति या अधिवेशन हर जगह नियमित रूप से गाया जाता रहा है।

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