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बिजनौर नगर कोतवाली क्षेत्र से एक हैरान करने वाला नाटकीय घटनाक्रम सामने आया है। यहाँ निकाह पढ़ाने आये इमाम ने दूल्हे व दुल्हन की उम्र को देखकर शादी कराने से साफ़ इंकार कर दिया। आधार कार्ड की जाँच करने पर पता लगा कि दुल्हन की उम्र अभी मात्र साढ़े 15 वर्ष है जबकि दूल्हे की आयु 45 वर्ष है। इमाम द्वारा निकाह पढ़ाये जाने से इंकार करने के बाद मौके पर घंटो हंगामे की स्थिति बनी रही। अंत मे बारात को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कल बुधवार को कोतवाली क्षेत्र के मौहल्ला बख्शीवाला मे स्योहारा से एक बारात आयी थी। बारातियो ने खाना खा लिया था और अन्य रस्मे भी हो चुकी थी। इसी दौरान कार्यक्रम मे पहुंचे इमाम पर वर पक्ष ने जल्द से जल्द निकाह कराने का दबाब बनाना शुरू कर दिया। इस जल्दबाजी को देखकर इमाम को शक हुआ। इमाम ने देखा कि दूल्हे की उम्र लगभग 45 वर्ष है। इसके बाद दुल्हन की उम्र देखने के लिए उन्होंने उसका आधार कार्ड मंगा लिया। इस पर पहले तो वर पक्ष उसका आधार कार्ड दिखाने पर आनाकानी करता रहा मगर बार बार जोर देने पर कार्ड लाया गया। आधार कार्ड के अनुसार दुल्हन की आयु मात्र साढ़े 15 वर्ष थी जबकि निकाह के लिए लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष होना आवश्यक है।
इमाम ने तुरंत कानून का हवाला देते हुए बाल विवाह को इस्लामी सिद्धांतों और देश के कानून दोनों के विरुद्ध बताते हुए निकाह पढ़ाने से स्पष्ट तौर पर मना कर दिया। इमाम के इन्कार के बाद शादी समारोह में भारी गहमा-गहमी और हंगामा शुरू हो गया। वर पक्ष ने इमाम पर निकाह कराने का दबाव बनाया, लेकिन इमाम अपने फैसले पर अटल रहे। उन्होंने साफ कर दिया कि वह किसी भी हाल में बाल विवाह नहीं होने देंगे। काफी देर तक चले गतिरोध के बाद, आखिरकार बरात को मायूस होकर बिना निकाह के ही वापस लौटना पड़ा। क्षेत्र में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा यह भी है कि वर पक्ष ने निकाह में आया खर्च भी चुकता किया है।
सीओ सिटी संग्राम सिंह ने इस संबंध में बताया कि, “मामला अभी तक जानकारी में नहीं आया है। इस संबंध में कोई शिकायत मिलने पर या बाल विवाह का प्रकरण सामने आने पर कानूनी प्रावधानों के तहत जाँच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।”
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