मुरादाबाद/उत्तर प्रदेश (रवि गांधी शर्मा)
सजायाफ्ता कैदी की टीसी बनाने में स्कूल प्रबंधक समेत चार पर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज हो गया। उन्होंने कैदी को घटना के वक्त नाबालिग दिखाकर उसको लाभ पहुंचाने का काम किया था। जिला मजिस्ट्रेट की जांच में वह लोग दोषी पाए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी की तहरीर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रभारी निरीक्षक रविन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि सुब्रहान हत्या के मामले में जेल में बंद है। उसका अपराधीक इतिहास लंबा है। उसकी तख्त वाली रोड स्थित फिरदौस जूनियर हाईस्कूल के प्रबंधक मो. आलम, तत्कालीन प्रधानाचार्य, लिपिक और शुब्बन ने फर्जी टीसी बना दी। वह उसको घटना के वक्त नाबालिक दिखाकर सजा में लाभ पहुंचाना चाहते थे। प्रभारी निरीक्षक के अनुसार 2017 में सुब्रहान की फर्जी टीसी बनाई गई थी। उन्होंने सुब्रहान को टीसी में नाबालिग दिखाया था। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय टीसी लगाकर सुब्रहान का पक्ष रखा गया। कोर्ट ने कोतवाली पुलिस से इसकी आख्या मांगी। पुलिस की जांच में टीसी फर्जी निकली। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। हाईकोर्ट ने डीएम को जांच के आदेश दिए। जिला मजिस्ट्रेट से प्रकारण की जांच कराई गई। जिला मजिस्ट्रेट की जांच में स्कूल प्रबंधक, प्रधानाचार्य और तत्कालीन लिपिक समेत चार लोग दोषी पाए गए। रविवार को बेसिक शिक्षा की तहरीर पर कोतवाली मुकदमा दर्ज कर लिया गया।