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रविवार, अप्रैल 10, 2022

चंदौसी - सम्राट अशोक मौर्य की 2326वी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने डाला उनके जीवन पर प्रकाश

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आज रविवार को सम्राट अशोक मौर्य की 2326 वी जयंती बड़े ही उत्साह व हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। जिला सम्भल की तहसील चंदौसी अंतर्गत ग्राम रीठ में इस अवसर पर उप विजेता जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र मौर्य के आवास पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ सम्राट अशोक मौर्य के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे वक्ताओं ने सम्राट अशोक मौर्य के जीवन के बारे में विस्तार से चर्चा की व उनके जीवन काल की उपलब्धियों को बताया। 


कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे वक्ताओं ने सम्राट अशोक मौर्य के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 304 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र वर्तमान में पटना बिहार में हुआ था। अशोक मौर्य सम्राट बिन्दुसार व रानी धर्मा के पुत्र थे। वक्ताओं ने बताया कि सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व 269 से, 232 प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश  के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य  उत्तर में हिन्दुकुश, तक्षशिला की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी, सुवर्णगिरी पहाड़ी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश, पाटलीपुत्र से पश्चिम में अफगानिस्तान,ईरान, बलूचिस्तान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का सम्पूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। 


वक्ताओं ने बताया कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शीर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक' कहा जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों के सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया  में तथा अन्य आज के सभी महाद्वीपों में भी बौद्ध पंथ का प्रचार किया। सम्राट अशोक के सन्दर्भ के स्तम्भ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है।


कार्यक्रम में मुख्य रूप से पुष्पेंद्र मौर्य उपविजेता जिला पंचायत सदस्य, एडवोकेट राहुल कुमार मौर्य, मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा राकेश कुमार, पूर्व प्रधान हजारी लाल मौर्य, वीरेश पाल, राजा राम मौर्य, डा0 नरेश चंद्र, ओम सम्राट, अध्यापक मूलचंद शर्मा, अरविदं मौर्य, राहुल, धीरेन्द्र मौर्य आदि उपस्थित रहे। 

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